PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: उत्तर प्रदेश के कई जिलो में पिछले कुछ दिनों से नदियां ऊफान पर हैं। अब गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रयागराज भी बाढ़ की चपेट में है। नदियों के आस-पास के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। संगम तट पर बड़े हनुमान जी का मंदिर भी जलमग्न हो गया है। वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुलिस-प्रशासन के साथ ही सेना भी राहत और बचाव में जुटी हुई है।
प्रयागराज में गंगापार और यमुनापार के इलाकों में बाढ़ का भारी असर पड़ा है। कई इलाके पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गए हैं और बाढ़ की भयावहता लगातार बढ़ती ही जा रही है। मंगलवार (7 अगस्त 2024) को बड़े हनुमान मंदिर के जलमग्न होने के बाद बाढ़ का पानी शहर के निचले इलाके में प्रवेश करने लगा है। तराई इलाकों में लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ चुकी हैं।
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में हो रही भारी के चलते जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। माता टीला बांध से गंगा नदी में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने का असर भी दिख रहा है।
झूंसी इलाके के कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
झूंसी इलाके के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को घर तक पहुंचने के लिए घुटने तक पानी से गुजरना पड़ रहा है। कई इलाकों में लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
करेली इलाके का भी बड़ा हिस्सा हुआ जलमग्न
करेली इलाके का भी बड़ा हिस्सा भी जलमग्न हो गया है। यहां ससुरखदेरी नदी में उफान के चलते बाढ़ आई है। बाढ़ के चलते करेली की गलियां तालाब में तब्दील हो गई हैं। कई घरों में पानी भर जाने के चलते लोग घर छोड़कर दूसरे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। वहीं, लोगों को आवागमन में भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जरूरत के सामान को लेने के लिए लोगों को बाहर निकलने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।बताया जा रहा है कि करेली कुछ जगहों पर पूर्व सांसद अतीक अहमद के गुर्गों ने बड़े नाले को पाटकर वहां प्लाटिंग कर दी गई थी। इसके चलते नए आवासीय इलाकों में इस बार जलभराव ज्यादा हो रहा है।
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