VARANASI ZONE BUREAU: 15 नवंबर को देवदीपावली है। काशी विश्वनाथ धाम में इस बार की देव दीपावली खास तरीके से मनाने की तैयारी चल रही है। मंदिर प्रशासन और भक्तों के सहयोग से देव दीपावली का उत्सव भव्य तरीके से मनाया जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह से गंगाद्वार तक सवा लाख दीप जलेंगे। इस दौरान बाबा विश्वनाथ का धाम रंग-बिरंगे फूलों के साथ ही रंग-बिरंगी झालरों से सजाया जाएगा। इसके साथ ही लेजर शो और आतिशबाजी भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। ललिता घाट पर शाम के वक्त विशेष आतिशबाजी और लेजर शो का आयोजन जिला प्रशासन की ओर से आयोजित किया जाएगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण ने बताया कि देव दीपावली के लिए सनातन परंपरा के अनुसार ही काशी विश्वनाथ धाम में तैयारियां चल रही हैं। देव दीपावली पर धाम की भव्य सजावट होगी। पूरे धाम में कई तरह के रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक सजावट की जाएगी। फूलों के अलावा दीपों की सजावट भी की जाएगी। पूरे धाम को दीपों की आभा से रोशन किया जाएगा। इसके साथ ही धार्मिक आयोजन भी होंगे। भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वो धाम में आएं और देवों की दीपावली में अपनी सहभागिता निभाएं।
देव दीपावली पर काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को और भी उजागर करने का प्रयास खबूबी किया जा रहा है। साथ ही काशी क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कमिश्नरेट के अफसरों कोदेव दीपावली पर गंगा किनारे वॉच टॉवर बनाकर निगरानी करने. गंगा घाटों की ओर जाने वाले रास्तों के किनारे की बहुमंजिला इमारतों की छतों पर रूफ टॉप फोर्स तैनात करने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर मजबूत बैरिकेडिंग की जाए और बैरियर लगाएं जाए। भीड़ के बीच पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रयोग किया जाए। पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा सर्वोपरि है। विशिष्ट अतिथियों के आवागमन के दौरान पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। सुगम यातायात व्यवस्था के दृष्टिगत रूट डायवर्जन प्लान बनाकर पर्यटकों के लिए अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था की जाए। वहीं, गंगा नदी में सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी बाढ़ राहत दल के जवानों के साथ ही स्थानीय गोताखोरों को मौजूद रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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