HIGHLIGHTS NEWS DESK: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो रही है। चैत्र नवरात्रि का पहला दिन हिंदू नववर्ष का पहला दिन भी होता है। नवरात्रि में देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा-अर्चना की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्र घंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धि दात्री की पूजा होती है।
चैत्र नवरात्रि के मद्देनज़र देवी मंदिरों और घरों में तैयारियां पूरी चुकी हैं। मंदिरों को कई तरह के फूलों के जरिए भव्य तरीके से सजाया गया है। मंदिरों में मां दुर्गा के दर्शन करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख देवी मंदिरों के बाहर बैरिकेडिंग की भी व्यवस्था की गई है। साथ ही पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के 9 दिनों तक माता रानी धरती पर घूमती हैं और भक्तों के दुख दूर करती हैं। भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान के साथ नवरात्रि की पूजा करते हैं और व्रत या उपवास करते हैं। ज्यादातर लोग नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना या कलश स्थापना भी करते हैं। माना जाता है कि जिस घर में कलश रखा जाता है, उस घर में माता रानी का वास होता है और वहां हमेशा खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहती है। आप सभी को उत्तर प्रदेश हाईलाइट्स (UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS) की पूरी टीम की ओर से नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनएं।
घोड़े पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के अनुसार मंगलवार के दिन 9 अप्रैल चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं, जो 17 अप्रैल तक चलेंगे। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। हाथी पर सवार होकर ही प्रस्थान करेंगी।
नवरात्रि पर बना अद्भुत संयोग
चैत्र नवरात्रि में इस बार 5 दिव्य राजयोग का महासंयोग बना है। गजकेसरी योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश राज योग, बुधादित्य योग और मालव्य राजयोग एक साथ बने हैं। चैत्र नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग का निर्माण आज सुबह 07:32 से लेकर अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05:06 बजे तक है। चैत्र नवरात्र पर अश्विनी नक्षत्र का भी योग बन रहा है। इन सभी संयोग के बीच मां भगवती की आराधना अधिक शुभ रहेगी।
पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
उदया तिथि के अनुसार 9 अप्रैल को कलश स्थापना का समय सुबह 05:52 से 10:04 मिनट तक है। इसके अलावा 11:45 से दोपहर 12:35 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है। इस दौरान भी किसी भी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
नवरात्रि में पूजा का विधि-विधान
चैत्र नवरात्र के अवसर पर सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर साफ करें। माता का गंगाजल से अभिषेक करें। अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं। घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं। दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। पान के पत्ते पर कपूर रख माता की आरती करें। अंत में क्षमा प्राथर्ना करें।
नवरात्रि में पूजनके लिए सामग्री
चैत्र नवरात्रि में पूजन के दौरान जौं, धूप, फूल, पान, कपूर, लौंग, इलायची, सुपारी, फल, दुर्वा, अक्षत, कलश, कलावा, नारियल, लाल चुनरी, लाल वस्त्र, लाल चंदन, घी का दीपक और श्रृंगार का सामान का प्रयोग करें।