PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: प्रयागराज में संगम के तट पर आयोजित महाकुम्भ 2025 ऐतहासिक रहा। 45 दिन तक चले इस महा आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन हुआ। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ ने प्रशासन को संगम के लिए नया रोड मैप बनाने के लिए प्रेरित किया है। ऐसे में योगी सरकार की संगम क्षेत्र को ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की योजना है। इसके तहत अब महाकुंभ के समापन के बाद भी संगम क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर की सभी सुविधाओं कर विस्तार का रोड मैप बनाया जा रहा है।
प्रयागराज महाकुंभ में आस्था का जो विराट स्वरूप सामने आया, वो प्रयागराज, अयोध्या और काशी के साथ आध्यात्मिक पर्यटन का मजबूत त्रिकोण बनता नजर आ रहा है। मेला प्राधिकरण भी इसी रुझान को देखते हुए अग्रसर हो रहा है। मेला प्रशासन के मुताबिक महाकुंभ के समापन के बाद संगम और उसके आस-पास के क्षेत्रों से कुंभ में प्रदान की गई सुविधाएं हटाई नहीं जाएंगी। अगले अर्धकुम्भ 2031 तक संगम पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्षेत्र में लाइट्स, पेयजल के लिए वाटर एटीएम, आवागमन के लिए चकर्ड प्लेट, वाहन पार्किंग क्षेत्र, पुलिस बल, मोबाइल शौचालय, चेंजिंग रूम आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। पहली बार अगले अर्धकुंभ तक 24 घंटे कई सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसमें टैक्सी सेवा और फूड कोर्ट जैसी सेवाएं भी शामिल की जाएंगी। बताया जा रहा है कि इन सबके लिए नया बजट भी आवंटित होगा। पहली बार पक्के घाटों पर पर्यटकों के रुझान को देखते हुए याहां अब वाराणसी के घाटों की तरह आरती की योजना भी तैयार हो रही है।
पिछले साल से संगम क्षेत्र और यहां के पर्यटन स्थलों में आने वाले पर्यटकों की गणना का कार्य शुरू हो चुका है।वहीं, माना जा रहा है कि महाकुंभ के समय शहर के अंदर विकसित किए गए मंदिरों के विभिन्न कॉरिडोर पूरे साल संगम आने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन के नए डेस्टिनेशन साबित होंगे। संगम के निकट हनुमान मंदिर कॉरिडोर और अक्षय वट कॉरिडोर को लेकर श्रद्धालुओं और पर्यटकों का रिस्पॉन्स बता रहा है कि अब पूरे साल संगम और उसके आस-पास के इलाकों में मिनी महाकुंभ जैसी स्थिति बनी रहेगी।
गौरतलब है कि प्रयागराज महाकुंभ में आस्था के जनसैलाब ने प्रशासन के सभी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया था। विशेष तौर पर वसंत पंचमी के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान के बाद भी महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आने और सनातन में अपनी प्रबल आस्था जाहिर करने का सिलसिला नहीं थमा। महाशिवरात्रि के बाद भी संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालुओं के सतत आगमन को देखते हुए मेला प्रशासन ने संगम और उसके आस-पास के क्षेत्र को नया स्वरूप देने का रोड मैप तैयार करना शुरू कर दिया है।
UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें भी पढ़िए-
PRAYAGRAJ NEWS: पंचतत्व में विलीन हुईं पूर्व विधायक नीलम करवरिया, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब