AGRA-MATHURA ZONE BUREAU: हाथरस में कोतवाली सादाबाद पुलिस की मुठभेड़ पर पूर्व विधायक प्रताप चौधरी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस मुठभेड़ को पूरी तरह से फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों युवकों को घर से उठाया गया था। इसके बाद इसे एनकांउटर का रूप दिया गया। पूर्व विधायक ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि आरोपी युवकों पर पहले से कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।
गौरतलब है कि 14 जनवरी को सादाबाद कोतवाली पुलिस ने दो युवकों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने का दावा किया था। पुलिस की इस मुठभेड़ में एक युवक अभिषेक पाराशर पुत्र बॉबी पाराशर निवासी जवाहर बाजार सादाबाद के पैर में गोली लगी थी। उसके साथ पुलिस ने प्रदीप पुत्र रिषीपाल निवासी जमालपुर थाना मठसेना जिला फिरोजाबाद को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि इनके पास से तमंचा और बाइक मिली है।पुलिस का यह भी कहना था कि इन दोनों युवकों ने कस्बा सादाबाद निवासी एक ज्वैलर्स दाऊदयाल अग्रवाल के यहां लूटपाट की कोशिश की थी।
इस लूटपाट का मास्टरमाइंड कस्बा सादाबाद के मोहल्ला बरौलियान निवासी प्रमोद कुमार पुत्र राजेश कुमार है। पुलिस ने अभिषेक और प्रदीप की गिरफ्तारी तो मुठभेड़ के दौरान दिखाई थी, जबकि प्रमोद को मुठभेड़ के थोड़ी देर बाद ही गिरफ्तार किया था।
वहीं अब सादाबाद के पूर्व विधायक प्रताप चौधरी ने इस मुठभेड़ पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस की यह मुठभेड़ फर्जी है। दोनों युवकों को घर से उठाया और फिर मुठभेड़ में गिरफ्तारी दिखा दी। उन्होंने कहा है कि युवकों पर पहले से कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। जिस व्यापारी के यहां लूटपाट की कोशिश की गई, उसने किसी के नाम मुकदमा दर्ज नहीं कराया। पूर्व विधायक ने उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
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