PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: प्रयागराज में माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। संगम तट के,सभी घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक माघ पूर्णिमा पर 2 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद महाकुंभ में श्रद्दालुओं के स्नान का आंकड़ा 48.83 करोड़ के करीब हो गया है। माघ पूर्णिमा के दिन 10 लाख कल्पवासियों का कल्पवास भी पूरा हो गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने माघ पूर्णिमा के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं और प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दीं।
माघी पूर्णिमा पर सबसे पहले नागा साधुओं के अखाड़ों ने डुबकी लगाई। इसके बाद अखाड़ों और फिर साधु-संतों ने पवित्र स्नान किया। इस प्रक्रिया के बाद ही श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरू किया। संगम तट पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई। पुष्पवर्षा के समय स्नान कर रहे श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव और जय श्री राम का का नारा भी लगाया। माघी पूर्णिमा स्नान पर महाकुंभ मेला क्षेत्र में नो व्हीकल जोन घोषित रहा। कल्पवासियों के भी वाहन को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई और सभी वीवीआईपी पास भी रद्द कर दिए गए।
माघी पूर्णिमा के स्सान पर्व पर महाकुंभ मेला क्षेत्र में कड़ी चौकसी रही। हर तरफ पुलिस अलर्ट रही। वहीं, सभी व्यवस्थाओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्त्यनाथ ने खुद सुबह से ही नजर रखी। वॉर रूम में मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों के साथ हर गतिवििधि देखी। माघी पूर्णिमा पर अयोध्या में सरयू नदी और वाराणसी में भी गंगा नदी के घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
माघी पूर्णिमा के दिन स्नान और तर्पण के बाद पितरों की प्रसन्नता के लिए अन्न और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से सफेद वस्त्रों का दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पीपल के पेड़ में त्रिदेव का निवास होता है। इसलिए शाम के समय पीपल के नीचे घी का दीपक जलाना भी आवश्यक है। इस उपाय से त्रिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगाजल में दूध मिलाकर उसे पीपल के पेड़ पर अर्पित करना चाहिए।
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