JHANSI ZONE BUREAU: झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात (15 नवंबर 2024 की रात) भीषण आग लग गई। इस हादसे में 10 नवजात बच्चों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई। 10 नवजात बच्चों की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया। वहीं, कई की हालत गंभीर बनी हुई है। इस दौरान मेडिकल कॉलेज वार्ड में मौजूद कुछ कर्मचारी भी झुलस गए, जिन्हें तत्काल इमरजेंसी भेजा गया।
जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात बच्चे भर्ती थे। 45 नवजात बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची। साथ ही सेना को भी बुला लिया गया। सेना और दमकल ने आग बुझाने में मदद कीं। इस दौरान परिजन अपने नवजात बच्चों को बचाने की गुहार लगाते रहे। मेडिकल में हर ओर चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड और इमरजेंसी के बाहर देर रात तक महिलाओं का करुण क्रंदन सुनाई देता रहा।
चश्मदीदों के मुताबिक शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे वार्ड से धुआं निकलता दिखा। वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया। जब तक कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को अपनी जद में ले लिया। ऐसे में वहां भगदड़ मच गई। इस दौरान नवजात शिशुओं को बाहर निकालने की कोशिश हुई, लेकिन वार्ड में धुआं और दरवाजे पर आग की लपट होने से नवजात समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। दमकल की गाड़ियो के पहुंचने पर शिशुओं को बाहर निकाला जा सका।
वहींं,बच्चों के वार्ड में आग लगने के बाद अस्पताल के कर्मचारी तत्परता दिखाते हुए वहां भर्ती बच्चों को बचाने में जुट रहे। वो हाथों में बच्चों को थामकर इमरजेंसी वार्ड की ओर भागे। इस दौरान महिला नर्स मेघा जेम्स सहित कई कर्मचारी झुलस भी गए। इसके अलावा कई अन्य कर्मी भी आग की चपेट में आ गए। उन्हें इमरजेंसी वार्ड में इलाज मुहैया कराया गया। हालांकि, हादसे के बाद बच्चों के परिजन बेहद आक्रोशित नजर आए। उनका कहना है कि वार्ड के भीतर उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा था, जिससे वो बच्चों तक नहीं पहुंच जाए। परिजनों के मुताबिक स्टाफ ने भी बच्चों को बचाने में तत्परता नहीं दिखाई।
बता दें कि आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ियां मौके पर तो पहुंच गई, लेकिन अंदर नहीं जा सकी थी। इसकी वजह आवागमन का रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होना और निर्माण सामग्री का पड़ा होना रहा। मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) के पास निर्माण कार्य चलने की वजह से पूरा रास्ता खस्ताहाल है। वहीं, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में आग लगने से करोड़ों रुपये के सभी आधुनिक चिकित्सीय उपकरण पूरी तरह से बर्बाद हो गए। इसके अलावा वार्ड की दीवार और छत भी क्षतिग्रस्त हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है। सीएम योगी के निर्देश पर झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे में शिकार नवजातों के परिजनों को शासन की ओर से 5-5 लाख रुपये की सहायता जिए जाने की घोषणा की गई है। साथ ही घायलों के परिजनों को 50-50 हजार की सहायाता मिलेगी। सीएम योगी ने कहा कि ये सहायता राशि जल्द से जल्द मिलनी चाहिए। इसके साथ ही सीएम योगी मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिया।
वहीं, शुक्रवार देर रात हादसे की सूचना मिलते ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा मौके पर पहुंचे। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक किंजल सिंह की अध्यक्षता में 4 सदस्यी कमेटी का गठन कर दी गई है। इस कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (स्वास्थ्य),अपर निदेशक विद्युत और अग्निशमन महानिदेशक की ओर से नामित अधिकारी को शामिल किया गया है। कमेटी को 7 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। ये कमेटी आग लगने की वजहों और लापरवाही हुई है तो दोष की पहचान करेगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके मद्देनज़र बचाव की सिफारिशें भी करेगी।
इसके साथ ही भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ ऑस्ट्रेलिया में मौजूद झांसी से भाजपा सांसद अनुराग शर्मा ने भी इस हादसे की जानकारी होने पर गहरा दुख जताया। उन्होंने प्रशासन से राहत और बचाव कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही मजिस्ट्रेटी जांच भी कराने जाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
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