HIGHLIGHTS EDITORIAL DESK: बहराइच में रविवार (13 अक्टूबर 2024) को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जा रहे युवक रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे उत्तर प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उसमें से एक बड़़ा सवाल ऐसे संवेदनशील मामले में बहराइच में तैनात पुलिस अधिकारिय के रवैए को लेकर भी है। इस मामले प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हरदी थाने की पुलिस ने लापरवाही बरती, जिसकी वजह से हालात बेकाबू हो गए। ये भी बताया जा रहा है कि प्रतिमा विसर्जित करने जा रहे लोगों पर पथराव के दौरान भी स्थानीय पुलिस मूकदर्शक भी भूमिका में ही थी। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान अतिरिक्त पुलिस बल की भी तैनाती नहीं किए जाने की भी बात सामने आ रही है।। माहौल बिगड़ने के वजह सामने आई है कि पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए जुलूस में शामिल लोगों को ही पीटना शुरू कर दिया। स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश के मौके पर पहुंचने के बाद भी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
इसके साथ ही सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद स्थानीय अधिकारियों की कार्यशैली रही, जिससे ऐसा लगा कि जैसे अराजक तत्वों को उपद्रव करने की खुली छूट हो। जिस जगह पर हिंसा और आगजनी हो रही थी, अधिकारी उससे दूर पुलिस बल के साथ खड़े नजर आए। हालांकि, इस बीच डीएम माेनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला ने बहादुरी दिखाते हुए हिंसा की चपेट में आए इलाकों में पहुंची और हालात पर नियंत्रण करने की कवायद करती नज़र आई। सीएम के निर्देश पर बहराइच पहुंचे एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश को खुद सड़क पर उतरकर मोर्चा संभालना पड़ा। एडीजी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश के मोर्चा संभालने के बाद ही हालात काबू में आ सका और माहौल शांत हुआ। ऐसे में माना जा रहा है कि इस मामले में अगर स्थानीय अधिकारियों ने वक्त पर सक्रिय होकर एक्शन लिया होते तो शायद युवक रामगोपाल मिश्रा की मौत भी ना होती और सभी को सहमने पर मजबूर कर देने वाली ऐसी सांप्रदायिक हिंसा भी नहीं हुई होती।
दोबारा हिंसा भड़कने पर लिए गया ये एक्शन
बहराइच में हिंसा दोबारा होने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजने का आदेश दिया। इसके बाद एडीजी कानून-व्यवस्था, गृह सचिव के अलावा चार एसपी रैंक के अधिकारी देवेश पांडेय, अजय कुमार, त्रिभुवन सिंह और अरुण कुमार सिंह को बहराइच भेजा गया। इसके अलावा 2 एएसपी, 4 सीओ, छह कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ को भी बहराइच भेजा गया। वहीं जोन और रेंज से भी कई एएसपी, सीओ, निरीक्षक, उपनिरीक्षक समेत सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया।
वहीं, सुबह दोबारा हिंसा भड़कने के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी। साथ ही हालात पर काबू पाने के लिए प्रभावित इलाकों को सेक्टर व जोन में बांटकर पुलिस बल की तैनाती की जानी लगी। पूरे इलाके में पुलिस की क्विक रिस्पांस टीमें दंगा निरोधक वाहन और वज्र वाहनों से गश्त करने लगीं, जिससे उपद्रवियों को तितर-बितर किया जा सका।
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